दूसरे ट्राइमेस्टर में, आपको व्यायामों के प्रति अपने शरीर की प्रतिक्रिया पर नज़र रखनी होगी, और उसी अनुरूप अपनी शारीरिक गतिविधियों की अवधि और तीव्रता को बढ़ाना होगा। सुनिश्चित करें कि आप ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं करेंगी जो आपका संतुलन बिगाड सकती है जैसे की जिम्नास्टिक, टेनिस, स्केटिंग और हाइकिंग। इनकी जगह आप तैराकी, वॉटर एरोबिक्स अथवा स्टेशनरी बाइक आदि अपना सकती हैं जिनके लिए बहुत अधिक संतुलन की आवश्यकता नहीं होती।
इस ट्राइमेस्टर के दौरान बॉल स्पोर्ट्स (सॉकर, बास्केटबॉल आदि) और कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स न खेलें। यदि आप योग करती हैं तो अब आपको बैकबेंड्स (पीछे के ओर शरीर मोड़ने का व्यायाम) और न ही कोई ऐसी गतिविधि करनी है जिसमें आपको अपने पेट या पीठ के बल लेटना पड़े, कूदना पड़े या औंधी मुद्रा में रहना पड़े। इस ट्राइमेस्टर के दौरान सावधानी बरतें, ओवरस्ट्रेच न करें और न हीं शरीर को झटका दें।